*आलिमे दीन को हक़ीर मत जानो*

*आलिमे दीन को हक़ीर मत जानो*

हजरत शाह अब्दुल अज़ीज़ मोहद्दिस देहलवी अलैहिर रहमतो वर रिज़वान फरमाया करते थे कि जिंदगी में कभी किसी आलिमे दीन की बुराई मत करना किसी आलिमे दीन की ज़ात में कोई ऐब मत निकालना अगर तुमने किसी आलीमे दीन को बुरा कहा या उसके इल्म को हक़ीर समझा तो अल्लाह त'आला तुम्हारी 10 नस्लों तक कोई आलीमे दीन पैदा नहीं फरमाएगा।
हज़रत ख्वाजा हसन बसरी अलैहिर रहमतो वर रिज़वान फरमाते हैं अगर ओलमाए दीन ना होते तो आवाम डंगरों (गधों) की तरह जिंदगी गुजारते।
हज़रत अल्लामा जलालुद्दीन सुयूती अलैहिर रहमतो वर रिज़वान फरमाते हैं के जो ओलमाए रब्बानीन की शिकायत करता है उसकी कब्र को खोदकर देखो उसका मुंह क़िब्ला से फेर दिया जाता है।

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